राजनीति में बेतुकी बयानबाजी करना आम बात है. अमूमन राजनेता बेतुकी बयानबाजी करते आया है. कोई राजनेता तो ऐसे बयान दे देते है जिसके बाद विवाद खड़ा हो जाता है. कुछ ऐसा ही वाकया मंगलवार को देखने को मिला, राजनेता का एक बयान विवादों के घेरे में आ गया.

राजस्थान सरकार के स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) ने संघ पर विवादित बयान दिया. धारीवाल राजीव गांधी की जयंती के कार्यक्रम में मंच से संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होने कहा कि संघ राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान दोनों के विरोधी है.
मामला क्या है?

मंगलवार को राजीव गांधी की जयंती पर सारा देश उन्हें याद कर रहा था. वही राजस्थान राज्य में उनकी ही पार्टी के नेता शांति धारीवाल उन्हे याद करने के बाद मंच से जनता को संबोधित कर रहे थे. पहले तो राजीव गांधी के बारे में बताया फिर धारीवाल ने संघ के ऊपर आरोप लगाने शुरू कर दिये.
S Dhariwal: RSS says it since 1925 that National anthem Jana Gana Mana doesn’t instill a feeling of patriotism like National song does. They were against National anthem & also used to say it openly that there should be only one colour, saffron, in the flag, instead of tricolour https://t.co/m3Jdmou4u9
— ANI (@ANI) August 21, 2019
उन्होने कहा कि राजीव गांधी संघ की विचारधारा से परेशान रहते थे. अगर देश में कोई सांप्रदायिक घटना होगी तो संघ की विचारधारा से ही होगी. धारीवाल यही नहीं रुके इसके आगे वो कहते है कि जब महात्मा गांधी ने 1930 में तिरंगा फहराने को कहा था तब संघ ने तिरंगे की जगह भगवा फहराया था. संघ 1925 से ही राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान के खिलाफ़ है. संघ का कहना था कि राष्ट्रगान में देशभक्ति की वैसी भावना नहीं आती है जैसी राष्ट्रगीत में आती है. संघ तिरंगे की जगह केवल भगवा रंग ही चाहते थे.
हालांकि शांति धारीवाल का ये पहला विवादित बयान नहीं है, उन्होने इससे पहले भी बहुत सारे विवादास्पद बयान दिये है जिसके बाद माफ़ी मांगी गयी है.
