जम्मू-कश्मीर से धारा 370 जाने और राज्य पुनर्गठन के बाद से पाकिस्तान बौखला गया. भई, बौखलाये भी क्यों ना, जो देश जिस जमीन पर कब्ज़ा करना चाहता था वो अब उसे मिल ही नहीं सकती. खैर, इस बात को जाने देते है. पाकिस्तान ने अपनी बौखलाहट में भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों को तोड़ दिया. जिस पर पाकिस्तान ने कहा ये कदम भारत को संकट में डालेगा. पाकिस्तान तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान ने ऐसे समय पर ये फैसला लिया है, ना जाने इसके क्या प्रभाव देखने को मिलेंगे?

दरअसल, हुआ कुछ ऐसा था कि जब पाकिस्तान ने पुलवामा हमला किया था तब भारत ने पाकिस्तान का मोस्ट फेवर्ड नेशन दर्जा हटवा दिया था. उसी टाइम से भारत-पाकिस्तान के सम्बन्ध में ख़टास पड़नी शुरू हो गयी थी. अगर देखा जाये जब से नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने है तब से पड़ोसी देश पाकिस्तान से संबंधों में उतार चढ़ाव आते रहे है और कल यानि 7 अगस्त को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति(NSC) के साथ बैठक करके पांच फ़ैसले लिए.
1-Downgrading of diplomatic relations with India.
— Govt of Pakistan (@pid_gov) August 7, 2019
2-Suspension of bilateral trade with India.
3-Review of bilateral arrangements.
4-Matter to be taken to UN, including the Security Council.
5-14th of August to be observed in solidarity with brave
Kashmiris. #StandwithKashmir pic.twitter.com/v06GmMc5lG
- राजनयिक संबंधों को कम करना.
- द्विपक्षीय व्यापारिक संबंध खत्म करना.
- द्विपक्षीय व्यवस्थाओं की समीक्षा करना.
- कश्मीर पर फैसले का मामला संयुक्त राष्ट्र ले जाना.
- 14 अगस्त का दिन कश्मीरियों के साथ मजबूती के साथ खड़े रहने के तौर पर याद किया जाएगा.
अब जानते है कि पाकिस्तान भारत को कितना सामान बेचता था, कितना सामान खरीदता था और कितने का व्यापार करता था. सबसे पहले जानते है भारत और पाकिस्तान आपस में क्या लेते-देते है. भारत, पाकिस्तान को चीनी, चाय, ऑयल केक, पेट्रोलियम ऑयल, कॉटन, टायर, रबड़, समेत 14 वस्तुओं का प्रमुख रूप से बेचता है. वहीं भारत, पाकिस्तान से कुल 19 प्रमुख उत्पादों को खरीदता है. इन उत्पादों में अमरूद, आम, अनानास, फ्रेबिक कॉटन, साइक्लिक हाइड्रोकॉर्बन, पेट्रोलियम गैस, पोर्टलैंड सीमेंट, कॉपर वेस्ट और स्क्रैप, कॉटन यॉर्न जैसे उत्पाद शामिल हैं. पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को बेचने वाले सामानों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 200 फीसदी तक बढ़ा दी थी. जिससे पाकिस्तान गहरे संकट में आ गया था.

कॉमर्स मंत्रालय के अनुसार, इस साल मार्च में पाकिस्तान का आयात 92 प्रतिशत घटकर लगभग 24 लाख डॉलर रह गया थो, जो मार्च 2018 में 3.4 करोड़ डॉलर था. पाकिस्तान में भारत का निर्यात भी मार्च में लगभग 32 प्रतिशत घटकर 17 करोड़ अमरीकी डॉलर के आसपास रहा है. भारत पाकिस्तान के बीच कुल द्विपक्षीय व्यापार 2017-18 में मामूली बढ़कर 2.41 अरब डॉलर रहा था जो 2016-17 में 2.27 अरब डॉलर था. भारत ने 2017-18 में 48.85 करोड़ डॉलर का सामान पाकिस्तान से आयात किया, जबकि 1.92 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया गया.
अब बढ़ते है इस व्यापारिक संबंधों को तोड़ देने से किस देश पर ज्यादा प्रभाव पड़ेगा. भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (IIFT) के प्रोफेसर राकेश मोहन जोशी ने कहा कि पाकिस्तान का निर्णय उसके ही कारोबार को प्रभावित करेगा. पाकिस्तान से भारत का आयात इस वर्ष मार्च में घट कर 28.4 करोड़ डॉलर के बराबर रहा जबकि मार्च 2018 में यह आंकड़ा 3.5 करोड़ डॉलर था. निर्यातकों के संगठन फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा व्यापार संबंधों को निलंबित करने का बुरा असर पाकिस्तान पर ही होगा. क्योंकि भारत इस मामले में उस पर बहुत ज्यादा निर्भर नहीं है जबकि पाकिस्तान की भारत पर निर्भरता अपेक्षाकृत अधिक है.
पाकिस्तान ने इस फैसले के साथ भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त को वापस बुला लिया है और साथ में भारत पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस ट्रेन को रद्द करने का आदेश दे दिया.
तमाम पहलुओं को देखा जाये तो पाकिस्तान आर्थिक मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर गुहार लगाता फिर रहा है तो ये कदम लेकर ऐसा लग रहा है जैसे पाकिस्तान ने अपने ही पैर में कुल्हाड़ी मार दी हो. इस बात में दो राय नहीं है कि भारत को भी इस कदम से नुकसान होगा लेकिन पाकिस्तान से कम ही होगा.

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